पंडित जी द्वारा करायी
जाने वाली पूजाए
कालसर्प दोष पूजा
पूर्वजन्म के किसी श्राप या अपराध के दंड फलस्वरूप व्यक्ति की जन्म कुंडली मे काल सर्प योग दोष बनता है। इस कारण जातक का कोई भी काम सफल नहीं होता है।
मंगल दोष शांति पूजा
जिस व्यक्ति की जन्मकुंडली मे मंगल दोष होता है, तो उस व्यक्ति के विवाह मे बहुत ज्यादा समस्या आती है।मांगलिक व्यक्ति को मंगलवार के दिन पुजा करना चाहिए।
महामृत्युंजय जाप
इस मंत्र का जाप मार्कण्डे ऋषि ने यमराज से अपने प्राणो की रक्षा के लिए किया था फल स्वरूप बाबा महाकाल में स्वयं उनकी रक्षा की थी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भी इस मंत्र का जाप करवाना चाहिए ।
चांडाल पूजा
जब ब्रहस्पति और राहू मे कोई संबंध होता है तब चांडाल दोष बनता है। इस योग के प्रभाव से जातक को प्रयास करने के बाद भी सफलता नहीं प्राप्त होती और मन में अशांति बनी रहती है
अर्क/ कुम्भ विवाह पूजा
जिस पुरुष या स्त्री की जन्म कुंडली में एक से अधिक विवाहके योग हो या विवाह के संबंध बार बार टूट जाते हो उनको एक बार यह पूजन अवश्य करना चाहिए
वास्तु शांति पूजा
आपके घर मे अगर रोज लड़ाई -झगड़े गृह क्लेश होते है तो हो सकता है, आपके घर मे वास्तु दोष हो। इसे दूर करने के लिए आपको वास्तु दोष पूजा करवानी चाहिए।
कथा वाचन
आचार्य आदित्य जी उज्जैन के जाने माने ज्योतिषी होने के साथ साथ बहुत ही बड़े शिव भक्त भी है उज्जैन में इन्हें ( महाकाल साधक ) के नाम से भी जाना जाता है आचार्य जी के मुखारबिंद से अपने नगर शहर में भागवत कथा शिवमहापुराण कथा करवा सकते है
माँ बगलामुखी हवन
माँ बगलामुखी हवन विशेष रूप से शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा के लिए किया जाता है। यह हवन न्यायिक मामलों में विजय और सुरक्षा प्रदान करने में सहायक होता है।
नवग्रह शांति
नवग्रह शांति पूजा सभी नौ ग्रहों को शांत करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है। यह पूजा जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में मदद करती है।
रुद्राभिषेक
2 विद्वान् ब्राह्मणो के सानिघ्य में दूध, दही , दही, शहद, शक्कर, पंचामृत आदि विशिष्ठ सामग्री द्वारा संपन्न करना चाहिए। इस विधि से रुद्राभिषेक करने को भक्त को महादेव की कृपा प्राप्त होती है। तीर्थ क्षेत्र में यह पूजन करने से 1०० गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। आचार्य जी द्वारा पूजन संपन्न होने के बाद विशेष प्रशाद दिया जाता है। पने ही गुरु से ईर्ष्या करने लगता है।
लघुरुद्र अभिषेक
11 विद्वान् ब्राह्मणो द्वारा (1100) वेद मंत्रो द्वारा महादेव का लघुरुद्र अभिषेक विशिष्ठ पूजन द्वारा जिसमे भाग, गन्ने का राश, पञ्चमृत आदि सामग्री से विधि वत्त संपन्न कराया जाता है। पूजन उपरांत आचार्य जी द्वारा विशेष प्रसाद प्रदान किया जाता है। अपना विधिवत पूजन करवाने के लिए आचार्य जी से सम्पर्क करे।
महारुद्र अभिषेक
महारुद्र अभिषेक २१ ब्राह्मणो द्वारा अनेक वेद मंत्रो के पाठ से पांच दिन में संपन्न होता है। जिसमे सत्तत्त जल धारा द्वारा महादेव का अभिषेक होता है इसे करवाने से बड़े से बड़ा पाप भी पुण्य की अग्नि में जल कर भस्म हो जाता है और महाकाल की विशेष कृपा महारुद्र अभिषेक करने वाले को प्राप्त होती है। उसका हर एक मनोरथ महादेव की कृपा से सिद्ध होता है। शास्त्रों में बतलाया है पांच दिवसीय पूजन होने के बाद हवन, एवं ब्राह्मण भोजन करवाना चाहिए जिससे पूजन के सम्पूर्ण फल की प्राप्ति होती है।
मंगल भात पूजन
मंगल भात पूजन का उद्देश्य ग्रहों के दुष्प्रभावों को कम करना और मंगल ग्रह के शुभ प्रभावों को बढ़ाना है। यह पूजा विशेष रूप से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति लाने के लिए की जाती है।
नव ग्रह जाप
नव ग्रह जाप नवग्रहों की शांति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह जाप जीवन में आने वाली सभी प्रकार की परेशानियों और बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।
भैरव हवन ( शत्रु नाश )
भैरव हवन भगवान भैरव को समर्पित होता है, जो शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करने के लिए किया जाता है। यह हवन जीवन में सुरक्षा, शांति और समृद्धि लाता है।
जन्म कुंडली परामर्श
आचार्य आदित्य जी जन्म कुंडली बनाने और परामर्श देने में विशेषज्ञ हैं। वे जन्म तिथि, समय, और स्थान के आधार पर सटीक कुंडली बनाते हैं। ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण कर वे जीवन की चुनौतियों और अवसरों पर मार्गदर्शन देते हैं।
पित्र दोष
संतान ना होना घर में क्लेश बना रहना पती पत्नी में ना बनना यह सब पित्र दोष के लक्षण है पितृ दोष की शांति के लिए उज्जैन तीर्थ में क्षिप्रा नदी के तट पर पितृ तर्पण , नांदीश्राद्ध ,नागबलि ,नारायण बलि आदि पूजन करना बहुत लाभ दायक है इनको करने से पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है भगवान श्री राम ने भी अपने पिता महाराज दशरथ का तर्पण पित्र पूजन उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे राम घाट पर किया था । मनुष्य को जीवन में एक बार यह पूजन ज़रूर करना चाहिये इससे पित्रो को शांति मिलती है ।
दुर्गा पूजन
दुर्गा पूजन दुर्गा सप्तशती पाठ माँ दुर्गाकी एक विशेष पूजा है जोकि माँ दुर्गा आदि शक्ति को प्रसन्न करने के लिये एवं मनोकामना की पूर्ति के लिए की जाती है इस में नवचण्डी पूजन,शत्चण्डी पूजन एवं सहस्रचण्डी पूजन एवं इनसे अर्चन और हवन विशेष प्रकार से किया जाता है महापूजन में दशमहा विद्या पूजन का विशेष महत्व है
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कई लोग जीवन मे परेशान रहते है और नहीं जान पाते की आखिर उनके जीवन मे इतनी परेशानिया क्यो आ रही है अगर आपके भी बनते हुये काम बिगड़ रहे है या फिर बहुत दिनो से कोई काम नहीं बन पा रहा हो तो अभी पंडित जी को अपनी कुंडली दिखाये।